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Wednesday, May 3, 2017

गुरु महिमा वन्दना

मानव तन में श्री हरि आये ।
जग मे गुरु वे ही कहलाये ॥
जिनके वचनों मे तत्व छिपा ।
अव्यक्त-व्यक्त का सत्व छिपा ॥
जो गुण-दोषों से रहें परे ।
जीवन रस से जो रहें भरे ॥
जिनके पद जीवन का प्रकाश ।
जो अन्धकार का करें नाश ॥
जो पाप कर्म को चूर करें ।
मन की मलीनता दूर करें ॥
ऐसे गुरु चरणों मे वन्दन।
जो प्रेम-ज्ञान के हैं चन्दन ॥

- दीपक श्रीवास्तव 

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