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Tuesday, April 5, 2016

प्रेम नही मै दर्द लिखूंगा

प्रेम नही मै दर्द लिखूंगा।
क्षण भर के इस जीवन को मै
प्राप्य नही संघर्ष लिखूंगा ,
प्रेम नही मै दर्द लिखूंगा ॥

बहुत सह चुके इस जीवन को
पर सहने की क्षमता कितनी ?
रोम रोम बंधन में जकड़े
अपनों का मै कर्ज लिखूंगा
प्रेम नही मै दर्द लिखूंगा ॥

रहे ढूँढते प्रेम जहाँ भी
वहाँ प्रेम कण भर ना पाया ।
जिसे प्रेम से गले लगाया
उसी व्यक्ति ने गला दबाया ।
इस जीवन के सम्बन्धों को
मै बस केवल फर्ज लिखूंगा
प्रेम नही मै दर्द लिखूंगा ॥

- दीपक श्रीवास्तव