(सर्वाधिकार सुरक्षित)
हे-नर-शाशवत-अमर-चिरंतन;
निज-को-जान-भगवती-नंदन;
द्वार-खोल-अंतस-के-प्यारे;
विजय-राह-करता-अभिनन्दन;
--दीपक श्रीवास्तव
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