Followers

Tuesday, July 30, 2013

अभी तो रात बाकी है


जरा सा और सोने दो|
अभी तो रात बाकी है||

हो रही आँखें उनींदी,
स्वप्न में अब डूब जाऊं|
कुछ घडी भूलूं जगत को,
जब दिवा से उब जाऊं|

जरा स्वप्नों में खोने दो,
अभी तक आस बाकी है|
जरा सा और सोने दो|
अभी तो रात बाकी है||१||

चल दिए अब तुम कहाँ ?
कुछ प्रहर का संग तो हो|
दो घड़ी को और ठहरो,
शून्यता यह भंग तो हो|

जरा सा और जीने दो,
अभी तक साँस बाकी है|
जरा सा और सोने दो|
अभी तो रात बाकी है||२||

--दीपक श्रीवास्तव

No comments: