मन की अपने मानो तो|
अपने को पहचानो तो||
जो दुनिया में आये हो,
विघ्नों से लड़ना होगा|
अगर शिखर को पाना है,
तूफां में अड़ना होगा|
जग से लड़कर क्या होगा,
खुद से ही लड़ना होगा|
मन में अपने ठानो तो|
अपने को पहचानो तो||१||
चाहे हों संघर्ष बड़े,
मन को बांधे खड़े रहो|
राह नहीं तो राह गढ़ो,
लेकिन हरदम लड़े रहो|
जीत अभी मिल जायेगी,
इसी भरोसे अड़े रहो|
मन में अपने ठानो तो|
अपने को पहचानो तो||२||
--दीपक श्रीवास्तव
No comments:
Post a Comment