ॐ गंगाये नमः
ॐ दिव्याये नमः
ॐ शुद्धाये नमः
ॐ पूर्णाये नमः
ॐ सर्वाये नमः
ॐ दिव्याये नमः
ॐ शुद्धाये नमः
ॐ पूर्णाये नमः
ॐ सर्वाये नमः
गंगे...... माँ गंगे......
पतितपावनी मोक्षदायिनी, पापनाशिनी गंगे ......
गंगे...... माँ गंगे......
श्रीनारायण के पद-कमलों से तू प्रगटी पावन धार।
विष्णुपदी कहलाई, तेरी पवित्रता है अपरम्पार।
पर्वतराज हिमालय की तू बेटी जाने जग संसार।
पापी-कामी-लोभी-दुर्जन, सबका तू करती उद्धार।।
गंगे...... माँ गंगे......
पाप सभी के धोती आई, थकी नहीं क्या अब तक तू ?
ममता तेरी बड़ी विकट है, आखिर नारी ही है तू।
पुरखों-पितरों कितनों का उद्धार किया निज धारा से।
लेकिन अपनी व्यथा न कहती,इस संसार असारा से।।
गंगे...... माँ गंगे......
- दीपक श्रीवास्तव
No comments:
Post a Comment